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हिन्दी कहानी hindi kahani बेटी का होना आवश्यक है बेटी को जन्म देने पर बहू को दोषी ठहराना कहाँ का न्याय है प्यार भुलाए नहीं भूलता उसकी याद न जाने क्यों जाती ही कोई इस तरह थोड़े ही छोड़ जाता है सेवा ही श्राद्ध है खून के आंसू नींद ही नहीं खुली ओंखों में लोर होली है बुरा न मानो खिलौना बेटी नहीं

Hindi बेटी के न होने से समाज ही नहीं है Stories